The National Education Policy (NEP) 2020 envisions that the opportunity to attain foundational literacy, obtain an education, and pursue a livelihood must be viewed as basic rights of every citizen. Literacy and basic education open up whole new worlds of personal, civic, economic, and lifelong-learning opportunities for individuals that enable them to progress personally and professionally. At the level of society and the nation, literacy and basic education are powerful force multipliers which greatly enhance the success of all other developmental efforts. Worldwide data on nations indicate extremely high correlations between literacy rates and per capita GDP.
Government of India approved a new scheme of Education For All (earlier termed as Adult Education) namely, New India Literacy Programme (नव भारत साक्षरता कार्यक्रम) for the period of FYs 2022-2027 to cover all the aspects of Adult Education to align with National Education Policy 2020 and Union Budget Announcements FY 2021-22.
The objective of the scheme is to impart not only Foundational Literacy and Numeracy but also to cover other components which are necessary for a citizen of 21st century such as Critical Life Skills, like Financial Literacy, Legal Literacy, Digital Literacy, Disaster Management, Commercial Skills, Child Care and Education, Health and Family Welfare issues on awareness on dietary habits, exercise, yoga, cessation of tobacco use, first aid care and management of road traffic accident, etc; Vocational Skills Development with a view towards obtaining local employment; Basic Education including preparatory, middle, and secondary stage equivalency and Continuing Education including engaging holistic adult education courses in arts, sciences, technology, culture, sports and recreation as well as other topics of interest or use to local learners on as more advanced material on critical life skills.
Under New India Literacy Programme, 5(Five) crore non-literates will be targeted in five years, i.e. 2022-27 @ 1.00 crore learners per annum under Foundational Literacy and Numeracy (FLN) to be imparted alongwith Critical Life Skills. Under Basic Education Component, 1.00 lakh neo-literates on yearly basis will be targeted to enhance their literacy level and provide them equivalency during the period of the scheme.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 ये बताती है कि बुनियादी साक्षरता प्राप्त करने, शिक्षा प्राप्त करने और आजीविका प्राप्त करने के अवसर को प्रत्येक नागरिक के मानव अधिकारों के रूप में देखा जाना चाहिए। साक्षरता और बुनियादी शिक्षा व्यक्ति के लिए व्यक्तिगत, नागरिक, आर्थिक और जीवनपर्यंत शिक्षा के अवसरों के नए रास्ते खोलती है, जो उन्हें व्यक्तिगत और व्यावसायिक रूप से जीवन में आगे बढ़ने के लिए सक्षम बनाती है । साक्षरता और बुनियादी राष्ट्र स्तर पर, शिक्षा के वे महत्वपूर्ण अंग हैं जिनसे अन्य सभी विकास सम्बन्धी क्षेत्रों में प्रगति करने के अवसर मिलते हैं । विश्व-स्तर पर आँकड़े, ये दर्शाते हैं कि साक्षरता दर और प्रति व्यक्ति जीडीपी के बीच उच्च सहसंबंध हैं ।
भारत सरकार ने ‘सभी के लिए शिक्षा’ की एक नई योजना (जिसे पहले प्रौढ़ शिक्षा कहा जाता था) प्रारंभ की है जिसका नाम है ‘नव भारत साक्षरता कार्यक्रम’ । यह योजना वित्त वर्ष 2022-2027 की अवधि के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं केंद्रीय बजट घोषणाएं, वित्त वर्ष 2021-22 में प्रौढ़ शिक्षा के सभी पहलुओं को क्रियान्वयन करने के लिए प्रारंभ की गई हैं ।
इस योजना का उद्देश्य न केवल बुनियादी साक्षरता और संख्या-ज्ञान प्रदान करना है, बल्कि महत्वपूर्ण जीवन कौशल को भी शामिल करना है जो 21 वीं सदी के नागरिकों के लिए आवश्यक हैं । जैसे- वित्तीय साक्षरता, कानूनी साक्षरता, डिजिटल साक्षरता, आपदा प्रबंधन, वाणिज्यिक कौशल ,शिशु देखभाल और शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के मुद्दे, आहार संबंधी आदतों, व्यायाम, योग, तंबाकू के उपयोग की समाप्ति, प्राथमिक चिकित्सा देखभाल और सड़क, यातायात, दुर्घटना के प्रबंधन आदि के बारे में जागरूकता स्थानीय रोजगार प्राप्त करने की दृष्टि से व्यावसायिक कौशल विकास; प्रारंभिक, मध्य और माध्यमिक स्तर की समकक्षता और सतत शिक्षा सहित बुनियादी शिक्षा, जिसमें कला, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, संस्कृति, खेल और मनोरंजन के साथ-साथ स्थानीय शिक्षार्थियों के लिए रुचि के अन्य विषयों पर समग्र प्रौढ़ शिक्षा पाठ्यक्रम शामिल हैं।
नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत, पांच साल में 5 करोड़ असाक्षरों को लक्षित किया जाएगा, यानी 2022-27 @ 1.00 करोड़ प्रति वर्ष शिक्षार्थियों को बुनियादी साक्षरता और संख्या-ज्ञान (एफएलएन) के तहत महत्वपूर्ण जीवन कौशल के साथ प्रदान किया जाएगा। बेसिक शिक्षा घटक के तहत योजना की अवधि के दौरान 1.00 लाख नव-साक्षरों को उनके साक्षरता स्तर को बढ़ाने और उन्हें समकक्षता प्रदान करने के लिए वार्षिक आधार पर लक्षित किया जाएगा।